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चिंतामणि विनायक के बारे में
चिंतामणि विनायक मंदिर अष्टविनायक यात्रा सर्किट में पाँचवाँ मंदिर है और वरद विनायक मंदिर से 107 किमी दूर है। यह मंदिर थेऊर, हवेली तालुका, पुणे जिला, महाराष्ट्र, भारत में स्थित है। इस मंदिर समीप ही तीन नदियों मूला नदी, मुथा नदी और भीमा नदी का संगम है । थेऊर’ नाम संस्कृत शब्द ‘स्टावर’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है स्थिर। इस स्थान पर, भगवान विनायक ने भगवान ब्रह्मा की चिन्ता हटाकर उनका मन स्थिर कर दिया था । इस कारण यह स्थान चिंतामणि गणपति के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

कथा
एक बार, राजा अभिजीत और उनकी पत्नी गुनवती ने समर्पित तपस्या के बाद, पुत्र, गण प्राप्त किया। वह मजबूत उग्र, बहादुर लेकिन बहुत क्रूर, लालची स्वभाव का था और वह गणराज या गणासुर के रूप में प्रसिद्ध हो गया। गणासुर ने तपस्या की और देवाधिदेव शिव का आह्वान किया। शिव जी ने उसे स्वर्ग, मृत्युलोक, और पाताललोक पर राज करने का वरदान दिया और कहा था की जिसके पास तीन गुण (सत्व, रजस, और तामसिक) होंगा वह उसे नहीं मार पायेगा।
भगवान शिव से वरदान पाकर गणासुर अत्यंत क्रूर हो गया। एक बार, गणासुर ने कपिल मुनि के पास इच्छापूर्ति करने वाले चिंतामणि रत्न होने की बात सुनी। अपनी सेना के साथ लालची गणासुर ने कपिल मुनि से वह रत्न छीन लिया । कपिल मुनि, श्री गणेश के समर्पित भक्त थे। उन्होंने भगवान की तपस्या कर वह मणि पुनः प्राप्त करने की कामना की । एक चेतावनी के रूप में भगवान गणेश, गणासुर को सपने में दिखाई दिए और उसे मणि वापस करने की चेतावनी दी, लेकिन उसने सपने में भी मणि देने से मना कर दिया, और स्वप्न में ही भगवान की सेना ने गणासुर के सिर को काट दिया।
गणासुर, ऐसे स्वप्न के बाद जागते ही कपिल मुनि को मारने के लिए सेना के साथ उसने प्रस्थान कर दिया । भगवान गणेश की पत्नी सिद्धि की सेना गणासुर की सेना के आक्रमण से कपिल मुनि आश्रम की रक्षा करती है। भगवान गणेश, जो सभी गुणों (सत्व, राज, तामसिक) से मुक्त हैं, गणासुर का वध कर देते हैं। भगवान गणेश, गणासुर ने कपिल मुनि को चिंतामणि लौटा दिया परन्तु उन्होंने मणि न लेकर श्री गणेश को वहीं वास करने की प्रार्थना किया । कपिल मुनि भक्ति से प्रसन्न होकर विनायक ने स्वयंभू प्रतिमा में वास किया।

चिंतामणि विनायक की प्रतिमा के बारे में
योग आसन की मुद्रा के साथ स्वयंभू गणपति की मूर्ति पूर्वमुख है ओर सूंड बाई ओर मुड़ी हुई है। प्रतिमा की आंखों और नाभी में हीरे जड़े हुए हैं। केवल गजमुख ही गणपति की मूर्ति के रूप में हैं। चिंतामणि विनायक की प्रतिमा का अभिषेक सिंदूर से किया जाता है।
चिंतामणि विनायक मंदिर के बारे में
चिंतामणि विनायक मंदिर अष्टविनायक मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर मुख उत्तर की ओर है। मंदिर में एक लकड़ी का हॉल और एक छोटा फव्वारा है जो काले पत्थर से बना है। गणपति मंदिर के अलावा, परिसर में महादेव मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर और हनुमान मंदिर हैं।

चिंतामणि विनायक मंदिर के दर्शन समय
चिंतामणि गणपति मंदिर दर्शन सभी 365 दिनों में खुला रहता है, और दैनिक दर्शन सुबह 5:00 बजे शुरू होता है और रात 10:00 बजे बंद हो जाता है। अंगारकी चतुर्थी पर, मंदिर का समय 4 ए.एम. से 11 पी.एम. बदल दिया जाता है।
दैनिक पूजा दिनचर्या:
5:00 ए.एम.- प्रक्षाल पूजा
5:30 ए.एम- सोदोपाचार पूजा, महा आरती
12:00 पी.एम.- प्रक्षाल पूजा, मध्याह्न आरती
8:30 पी.एम.- पंचोपचार पूजा
10:00 पी.एम.- सेज आरती
कैसे पहुंचे चिंतामणि विनायक मंदिर, थेऊर
- वायु मार्ग: पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है और चिंतामणि विनायक मंदिर से 18 किमी दूर है। हवाई अड्डे के बाहर बहुत सारी टैक्सी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं।
- रेल मार्ग: पुणे रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है और गणपति मंदिर से 22 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग: थेऊर गणपति मंदिर पुणे से केवल 15 किलोमीटर दूर है, और शिवाजीनगर बस पार्क से अक्सर परिवहन उपलब्ध होते हैं।
सड़क मार्ग की दूरी:
- वरद विनायक मंदिर से चिंतामणि विनायक मंदिर: 107 किमी
- पुणे से चिंतामणि विनायक मंदिर – 15 किमी
- मुंबई से चिंतामणि विनायक मंदिर – 173 किमी
- शनि शिंगणापुर से चिंतामणि विनायक मंदिर – 151 किमी
- शिरडी से चिंतामणि विनायक मंदिर – 188 किमी
- नासिक से चिंतामणि विनायक मंदिर – 225 किमी

चिंतामणि विनायक मंदिर के पास कहां ठहरें
भक्त, थेउर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रदान की गई आवास सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। भक्त निवास में संलग्न शौचालयों के साथ नौ कमरे हैं, और यह सस्ती दरों पर उपलब्ध है।
सुविधाएं:
- चेक-इन: 24 घंटे।
- चेक-आउट: 24 घंटे।
- भोजन की सुविधा: हाँ
- पार्किंग: हाँ
- गर्म पानी: हाँ
- संलग्न शौचालय: हाँ
- सीसीटीवी: हां
- वाटर प्यूरीफायर: हाँ
नोट: पुणे, चिंतामणि गणपति मंदिर के बहुत करीब है और रहने के लिए अच्छा विकल्प है।
चिंतामणि मंदिर से सम्बंधित प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
1. चिंतामणि विनायक मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा कौन सा है?
पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है और चिंतामणि विनायक मंदिर से 18 किमी दूर है।
2. चिंतामणि विनायक मंदिर किस रेलवे स्टेशन से निकटतम है?
पुणे रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है और गणपति मंदिर से 22 किमी दूर है।
3. चिंतामणि गणपति मंदिर में यात्रा के दौरान कहाँ रहें?
मंदिर के पास भक्त निवास उपलब्ध है।
4. चिंतामणि गणपति मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
भाद्रपद गणेश चतुर्थी (अगस्त / सितंबर) और माघ (जनवरी / फरवरी) का समय मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा है।
5. चिंतामणि विनायक मंदिर में दर्शन का समय क्या है?
चिंतामणि गणपति मंदिर दर्शन सभी 365 दिनों में खुला रहता है, और दैनिक दर्शन सुबह 5:00 बजे शुरू होता है और रात 10:00 बजे बंद हो जाता है। अंगारकी चतुर्थी पर, मंदिर का समय 4 ए.एम. से 11 पी.एम. बदल दिया जाता है।
6. क्या चिंतामणि विनायक मंदिर में पार्किंग उपलब्ध है?
हाँ